योगराज चूर्ण
*Yograj chhuren*
[Dr.Virender Madhan]
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#क्या योगराज चूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है ?
योगराज चूर्ण एक आयुर्वेदिक औषधि है यह बहुत से रोगों मे प्रयोग होती है
इसका वर्णन रावण संहिता मे भी मिलता है.
यह अधिकतर यकृत विकारों मे प्रयोग करते है।
योगराज के घटक:-
त्रिफला -3 भाग
त्रिकटु - 3 भाग
चित्रक -3भाग
वायविंडग -3 भाग
शिलाजीत -5 भाग
रोप्यभस्म - 5भाग
स्वर्णमाक्षिक भस्म 5भाग
लोह चू्र्ण ( हम लोह चूर्ण की जगह लोह भस्म लेते हैं ) -5 भाग तथा
8भाग शक्कर ले
इन से को चूर्ण बना कर मिलाकर शहद के साथ 500-500लि०ग्राम की गोली बना ले
मात्रा:-1-2 गोली दिन में 2-3 बार दें.
यह औषधि पाण्डू Animia , कास ,खाँसी Cough क्षयरोग, विषम ज्वर, अरुचि, मृर्गी ,कामला, बवासीर आदि रोगों में उपयोगी है ।
शास्त्रों में इसे समस्त रोग विनायक बताया है.
यह अत्युत्तम मंगलकारी रसायन है।
इसमे किसी प्रकार का केमिकल नही होता है.
यह लीवर के रोगी के लिए निरापद औषधि है।
नये रक्त का संचार कर के रोगी को नवजीवन दान करता है .
इसके प्रयोग काल में तले भुने पदार्थ, तेज मसाले , बासी भोजन नही करना चाहिए.
योगराज चूर्ण का कोई साईड ईफेक्ट नही है फिर भी इसका प्रयोग करने से पहले
अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक स सलाह अवश्य लें.
हमसे कुछ पुछना चाहते हैं तो comment मे जरूर लिखे .
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जरूर बताऐ.
#डा०वीरेंद्र मढान
#गुरु आयुर्वेद इन फरिदाबाद
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